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Mahabharat

300.00

  • Pages : 772
  • Format : Board Book
  • Publisher : Shri Durga Pustak Bhandar Pvt Ltd

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The Mahabharata is an ancient Indian epic where the main story revolves around two branches of a family – the Pandavas and Kauravas – who, in the Kurukshetra War, battle for the throne of Hastinapura. Interwoven into this narrative are several smaller stories about people dead or living, and philosophical discourses. Mahabharata may revolve around the war of duty. But we cannot escape the fact that the major reason behind the destruction of all was revenge. The Kauravas lost everything to their blinded desire to ruin the Pandavas.

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Weight 1.1 kg
Dimensions 27 × 21 × 3 cm
Pages

772

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Board Book

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Sri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd.

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Shri Ramcharitmanas Ramayan by Geeta Press and Sachitra Aarti Sangrah by Shri Durga Pustak Bhandhar Combo Pack

499.00
We are providing a combo pack of Ramayan and Aarti Sangrah. Sachitra Arti sangrah is published by Sri Duraga Pustak Bhandhar and written by Bhola Nath Khatri. Ramcharit manas is published by Gita press. Aarti sangrah includes all main aarti of all main Devi and Devtas. Ramcharitmanas means the ?The lake of life and deeds of Lord Shri Ram?. It is a great scripture and poetic classic written by Goswami Tulsidasji. This was published by Gita Press Gorakhpur, the world?s largest publisher of Hindu religious texts. Ramcharitmanas is not just a story, it presents the teachings of ancient Sanatan Dharma in narrative parables combining both philosophical and devotional elements. One should read this book.
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Sri Ramcharitmanas Ramayana
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Sri Ramcharitmanas Ramayana of Tulsidas

300.00
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।
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Ramayan Mahanatak

400.00
Ramayan Mahanatak (Sampoorn Ramleela) By-Rameshchandra Varshanrey
About the Author : बात सन् १ ९ ७४ की है । भारतीय कला निकेतन अवागढ़ ( एटा ) के मुख्य निर्देशक श्री ओम् प्रकाश शर्मा द्वारा व्यंग्य में राजा जनक का पार्ट मुझे स्टेज पर अभिनीत करने को देना भगवत प्रेरणा से इतना बड़ा रूप धारण कर लेगा इसकी कल्पना मुझे स्वप्न में भी नहीं थी । मेरे पार्ट पर वे इतने मुग्ध हुए कि उनको कहना पड़ा कि वकील साहब आप इसी प्रकार की पूरी रामायण नाटक शैली में लिख दीजिये । काम मेरी रुचि का था । रामायण महानाटक के रूप में उसकी रचना हुई जो आदर्श रामलीला क्लब अवागढ़ द्वारा बाहर से नहीं अपितु अवागढ़ से ही अनुकूल पात्रों द्वारा पूर्ण अभ्यास के बाद श्री अशोक पचौरी के सफल निर्देशन में प्रस्तुत की गई । नाटक के प्रकाशक के सम्बन्ध में कुछ कहे बिना बात अधूरी रहेगी । जब रणधीर बुक सेल्स ( प्रकाशन ) हरिद्वार के प्रकाशक को मेरे नाटक के बारे में पता चला तब उन्होंने इसके प्रकाशन का साहसपूर्ण निर्णय लिया । कार्य सरल और छोटा नहीं था फिर भी उन्होंने इसे सुचारु रूप से सम्पन्न किया तथा नाटक को पाठकों के सामने सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया । वे मेरे अपने ही हैं , ऐसा उनके व्यवहार से जाना । अत : उनको धन्यवाद देना तो सूरज को दीपक दिखाने के समान होगा फिर भी वे साधुवाद के पात्र तो हैं ही । अब पाठकों के उत्साह को देखते हुए इस पुस्तक का दूसरा संशोधित संस्करण आपके हाथों में है । आशा है सब राम प्रेमी इस सम्पूर्ण रामायण महानाटक का फिर से जोरदार स्वागत करेंगे । विनीत रमेश चन्द्र वार्ष्णेय The thing is from the year 1974. I could not have imagined that the part of Raja Janak in the satire by Shri O3M Prakash Sharma, Chief Director of Indian Kala Niketan Avagadh (Etah) to play me on stage would take on such a big form with divine inspiration. He was so fascinated by my part that he had to ask the lawyer, sir, you should write the entire Ramayana in this type of drama style. The work was of interest to me. It was composed in the form of Ramayana Mahanatak, which was presented under the successful direction of Shri Ashok Pachauri after full practice by the friendly characters not from outside but from Avagarh itself by Adarsh ​​Ramlila Club Awagarh.
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