View cart “Eknathi Bhagwat-Mool (Marathi)” has been added to your cart.
Add to Wishlist
MANAS SHANKA SAMADHAN
₹25.00
The writer of this book, Shri Jairamadas ji ‘Deen’ has tried to satisfy…
Usually dispatched in 2 to 3 days
The writer of this book, Shri Jairamadas ji ‘Deen’ has tried to satisfy the readers through his best possible answers to the questions asked by them on the basis of Sriramcharitmanas. This is a worth reading book by ardent devotees.
Additional information
Weight | 0.100 kg |
---|---|
Dimensions | 14 × 10 × 1 cm |
Related products
Jai Hanuman Patrika (Telugu)
₹35.00
भारतीय जनताके लिये श्रीहनुमान्ïजीका चरित्र सदैवसे प्रेरणा का स्रोत रहा है। इसपुस्तकमें श्रीहनुमान्ïजीकी सत्रहलीलाओं का ऐसा अनोखा चित्रण है, जो पाठकोंको मन्त्रमुग्ध कर देता है।हनुमान्ïजीकी प्रत्येक लीलाके साथ उससे सम्बन्धित आकर्षक चित्रभी दिये गये हैं। आकर्षक चित्रावरण से युक्त यह पुस्तक सबके लिये पठनीय है।
Jai Hanuman Patrika (Telugu)
₹35.00
भारतीय जनताके लिये श्रीहनुमान्ïजीका चरित्र सदैवसे प्रेरणा का स्रोत रहा है। इसपुस्तकमें श्रीहनुमान्ïजीकी सत्रहलीलाओं का ऐसा अनोखा चित्रण है, जो पाठकोंको मन्त्रमुग्ध कर देता है।हनुमान्ïजीकी प्रत्येक लीलाके साथ उससे सम्बन्धित आकर्षक चित्रभी दिये गये हैं। आकर्षक चित्रावरण से युक्त यह पुस्तक सबके लिये पठनीय है।
Gita-Tattva-Vivechani (Hindi)
₹400.00
गीता-तत्त्व-विवेचनी—भगवान् श्रीकृष्णकी दिव्यवाणीसे नि:सृत सर्वशास्त्रमयी गीताकी विश्वमान्य महत्ताको दृष्टिïमें रखकर इस अमर संदेशको जन-जनतक पहुँचानेके उद्देश्यसे गीताप्रेसके आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रह्मïलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा प्रणीत गीताकी एक दिव्य टीका। इसमें २५१५ प्रश्न और उनके उत्तरके रूपमें प्रश्नोत्तर शैलीमें गीताके श्लोकोंकी विस्तृत व्याख्याके साथ अनेक गूढ़ रहस्योंका सरल, सुबोध भाषामें सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्यायसे सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी गीताके रहस्योंको आसानीसे हृदयंगम कर अपने जीवनको धन्य कर सकता है।
Gita-Tattva-Vivechani (Hindi)
₹400.00
गीता-तत्त्व-विवेचनी—भगवान् श्रीकृष्णकी दिव्यवाणीसे नि:सृत सर्वशास्त्रमयी गीताकी विश्वमान्य महत्ताको दृष्टिïमें रखकर इस अमर संदेशको जन-जनतक पहुँचानेके उद्देश्यसे गीताप्रेसके आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रह्मïलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा प्रणीत गीताकी एक दिव्य टीका। इसमें २५१५ प्रश्न और उनके उत्तरके रूपमें प्रश्नोत्तर शैलीमें गीताके श्लोकोंकी विस्तृत व्याख्याके साथ अनेक गूढ़ रहस्योंका सरल, सुबोध भाषामें सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्यायसे सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी गीताके रहस्योंको आसानीसे हृदयंगम कर अपने जीवनको धन्य कर सकता है।